
एअर इंडिया के CEO ने कहा: "बोइंग 787-8 विमान में तकनीकी या रखरखाव संबंधी कोई खामी नहीं"
नई दिल्ली: विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार को एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाक्रम पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही इस फ्लाइट के हादसे में 260 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई थी। विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गया था।
सोमवार को एअर इंडिया के CEO और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने कहा कि AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट से कई अहम बातें स्पष्ट हो गई हैं। उनके मुताबिक, रिपोर्ट में यह पाया गया कि विमान या उसके इंजनों में कोई यांत्रिक या रखरखाव संबंधी समस्या नहीं थी। साथ ही, सभी आवश्यक मेंटेनेंस कार्य समय पर पूरे किए गए थे।
"ईंधन की गुणवत्ता और टेक-ऑफ में कोई असामान्यता नहीं"
विल्सन ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि विमान में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता उपयुक्त थी और टेक-ऑफ रोल में भी कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। साथ ही, पायलटों ने उड़ान से पहले अनिवार्य ब्रेथलाइजर टेस्ट पास किया था और उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स भी सामान्य थीं।
"प्रारंभिक रिपोर्ट कोई निष्कर्ष नहीं देती"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह रिपोर्ट अभी प्रारंभिक है और न तो किसी निष्कर्ष पर पहुंची है और न ही किसी कारण की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "हम सभी से अनुरोध करते हैं कि जांच पूरी होने से पहले कोई भी अनुमान या निष्कर्ष न निकाला जाए। हम जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं ताकि व्यापक और निष्पक्ष जांच हो सके।"
"बेड़े के सभी बोइंग 787 विमान जांच में फिट पाए गए"
विल्सन ने यह भी बताया कि दुर्घटना के कुछ ही दिनों के भीतर, एअर इंडिया के पूरे बोइंग 787 बेड़े की गहन जांच की गई, जो DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की निगरानी में संपन्न हुई। सभी विमान सेवा के लिए उपयुक्त पाए गए। उन्होंने कहा कि आगे भी सभी आवश्यक जांच जारी रहेंगी और यदि अधिकारियों द्वारा कोई अतिरिक्त निर्देश दिए जाते हैं, तो उनका पालन किया जाएगा।
AAIB रिपोर्ट में क्या कहा गया?
AAIB की 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि फ्लाइट AI 171 के दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति लगभग एक सेकंड के अंतराल पर अचानक बंद हो गई, जिससे विमान ने ऊंचाई खोनी शुरू कर दी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि क्या उसने ईंधन बंद कर दिया था, जिस पर दूसरे ने इंकार किया।
"पायलटों को बिना आधार के दोषी न ठहराएं"
भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (ICPA) ने बयान जारी कर कहा कि हादसे के दौरान चालक दल ने कठिन परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया। संघ ने आग्रह किया कि पायलटों को अनुमान के आधार पर दोषी न ठहराया जाए।